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20.06.2025 अब्यक्त कृष्ण का मुरली सार | कृष्ण चेतना – देह की कोख नहीं, आत्मा की कोमलता में जन्म" | 2 недели назад


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20.06.2025 अब्यक्त कृष्ण का मुरली सार | कृष्ण चेतना – देह की कोख नहीं, आत्मा की कोमलता में जन्म" |

🧘‍♀️Tittle :- | कृष्ण चेतना – देह की कोख नहीं, आत्मा की कोमलता में जन्म" | 🧘‍♀️Date:- 20.06.2025 🧘‍♀️Describe :- | 📜 20-06-2025 : अव्यक्त कृष्ण का मुरली सार कृष्ण चेतना – देह की कोख नहीं, आत्मा की कोमलता में जन्म"👇 शिव शांति. आज परमपिता परमात्मा का आह्वान – आत्मिक विवेक के लिए. प्रिय आत्मन, यह संगमयुग का सबसे सूक्ष्म और सबसे निर्णायक समय है.अब हर आत्मा को मुख से नहीं ,साक्षी स्थिति से प्रमाण देना चाहिए. अंतर में मंच सजा हुआ है. अव्यक्त कृष्ण विशेष आत्माओं से पूछते हैं: प्रश्न❓ क्या कृष्ण को कोई आत्मा आज की तारीख में कोख से जन्म दे सकती है? उत्तर...(सार सिद्ध हुई साक्षी स्टेज वाली आत्मा) ... यह संभव ही नहीं.मेरा कृष्ण मेरा आंतरिक रोमांच है, वह जमीं पर पैर नहीं रख सकता.वो हर उस आत्मा का अभिमान है जो अंतर में सृष्टि का पोषण कर रहा है.कृष्ण कोई शारीरिक बालक नहीं,वह आत्मा की पूर्ण अवस्था का प्रतीक है.जहाँ पवित्रता, माधुर्य, ज्ञान और दिव्यता मिलकर एक दिव्य "संपूर्णता" की झलक दे जाते हैं. जिसने आत्मा को देह से पूर्णतः न्यारा कर दिया हो,वह ही कृष्ण की स्थिति को जन्म देता है —अपने अंतर में. मतलब कृष्ण कोख से नहीं,सत्य की गोद से जन्मता है.वह आत्मा में चरित्र बनकर तब प्रकट होता है जब वह आत्मा मेरी आज्ञाओं में समर्पित होकर मौन और साक्षी सेवा करती है. मंच पर गीत बजा.…मन रे तू काहे ना धीर धरे! वो निराकार,निर्गुण ब्रह्म है" अव्यक्त कृष्ण ने कहा, ये गीत हद की फिल्मों के हैं,यहां मौलिक रचे गीत सुनाना चाहिए!फिर साक्षी दृष्टा की स्टेज ने बदलकर दूसरा गीत चला दिया.... "ना कोई कोख, ना देह का नाम, जहाँ मौन बसे, वही कृष्ण धाम। शिव की दृष्टि से जो हो गया स्नान, उसी आत्मा में होता है नंदलाल का गान।" अच्छा. प्यारी आत्माओं, आज कोई कहता है — “मैं मम्मा हूँ”, “मैं बाबा हूँ”, “मुझमें शिव प्रवेश करता है”, “मैं कृष्ण को जन्म दूँगी,.” तो मैं पूछता हूं—क्या मम्मा ने कभी यह कहा था कि “मैं जगदंबा हूँ”? क्या ब्रह्मा बाबा ने कभी कहा कि “मैं ही #शिव का विशेष हूँ”? नहीं! उनका मौन, सेवा, त्याग — वही उनका पद बन गया. 👉 जो आत्मा स्वयं को घोषित करती है — वह संसार को प्रभावित तो कर सकती है, पर परमात्मा के राज में प्रवेश नहीं पा सकती. क्योंकि कृष्ण का असली जन्म – चेतना में होता है.कृष्ण जन्मभूमि मथुरा नहीं,वह आत्मा की रूहानी मथुरा है — जहां द्वंद समाप्त हो चुका है.जहाँ देह की कोख नहीं, विवेक, वैराग्य, और शिव की गोद से नई चेतना जन्म लेती है. यह कोख नहीं — “निर्मल दृष्टि, निःस्वार्थ भावना, नीरव सेवा” की गोद है.जहाँ कृष्ण प्रकट होता है. याद रखो — शिव कभी देह नहीं लेता.तो उसका बच्चा भी देही-अभिमानी चेतना से प्रकट होता है,शरीर से नहीं. 👉कृष्ण का जन्म कोई बाहरी घटना नहीं,वह तुम्हारे भीतर की एक अत्यंत पवित्र क्रांति है.कृष्ण कोई मनुष्य बच्चा नहीं है —वह चेतना का प्रतीक है. 👉 वह साकार देह में नहीं, बल्कि सतयुगी आत्मा के गुणों में प्रकट होता है....(Cont...Watch In Full Video) अच्छा , शिवशांति 🧘‍♀️Related Video Link :-👇 ▪️सूर्य,चंद्रमा और सितारें लेवल की पढ़ाई की बेहद स्पष्टिकरण👇    • सूर्य,चंद्रमा और सितारें लेवल की पढ़ाई की ब...   ▪️एक बॉडी केलिए एक आत्मा कोई दूसरी आत्मा इसमें प्रबेश नहीं कर सकता | एक गाड़ी को एक ड्राइवर, दूसरा नहीं👇    • एक बॉडी केलिए एक आत्मा कोई दूसरी आत्मा इसम...   ▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️ 👉 यह आत्मिक प्लेटफॉर्म है । बिलकुल देहभान से पार । न यह कोई स्थूल संगठन है और न हि इसमें कोई स्थूल यूनिवर्सिटी है । मन-बुद्धि और संकल्पों में सारी जानकारी और सारी रूहानी पढ़ाई चलती है ड्रामानुसार । यह रूहानी प्लेटफॉर्म ड्रामा लाया है, संकल्पों में फिर बाचा और एक्शन में। "सागरिका शक्ति" यह आतंरिक स्वरूप का रूहानी मॉडल है। इस स्वरूप व संगठन में आने-जाने केलिए कोई जिस्मानी यात्रा नहीं होती, वल्कि रूह समझकर रूहानी यात्रा में आना-जाना होता है। यह सचाई सिर्फ रूहानी संगम पर इमर्ज होकर फिर मर्ज हो जायेगा। इस रूहानी प्लेटफॉर्म में कोई जिस्मानी गुरु, जिस्मानी बाबा,जिस्मानी मम्मा और जिस्मानी भाई-बहन नहीं होते। 👉 इस रूहानी समूह में पतित आत्माएं पावन बनकर जाएंगे। सिर्फ पतित आत्माएं। नारा भी है न पतित-पावन। तो जरूर पतित बनकर पावन बनना है न। यहाँ का ज्ञान योग धारणा और सेवा बिलकुल न्यारा और प्यारा है। सभी जिस्मानी संगठनों से निराली। इस प्लेटफॉर्म में सारी रुहानि जानकारी, सारी रूहानी ज्ञान भरपुर है। 💫 अनेक खंड रूपी आत्माओं को एक खंड में लाना ही अखंड ज्योत जलाना है, निराकार के सामने कोई दूसरा है ही नहीं, सब नहीं, एक है, एकाकार है, सूर्य अपनी स्वरूप में एक है, अनेक नहीं, इसीलिए आधाकल्प स्थूल दुनियाँ यानी कि पृथ्वी सूर्य में विलीन हो जावेगा, गुम हो जावेगा, अधिक जानकारी केलिये,,,,,, संपर्क करें,,,👇👇👇👇 +91 8360313223 +91 8369742561 +91 9268387728 +91 9893194500 +91 9630804092 +91 6263446868 +91 7058962970 +91 8917513302 +91 8018871209 ✨👉Following Steps💫👇 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 🧘‍♀️Whatsapp Group :-👇 https://chat.whatsapp.com/KX0rqBgUo55... 🧘‍♀️Youtube Channel:-👇    / @sagarikashakti      / @sarsaransh   🧘‍♀️FaceBook Page👇 ▪️👇Saransh Sar👇▪️   / 1amyecaxum   ▪️👇Sagarika Saakshi👇▪️   / 1bpuqkbqmc   🧘‍♀️Instagram ID:-👇 ▪️👇 Sagarika Shakti👇▪️ https://www.instagram.com/sagarika_sh... ▪️👇Sagarika Sakshi👇▪️ https://www.instagram.com/sagarikasak... ▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️ #sagarikashakti #SarSaransh #SagarikaSakshi #SaranshSar

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