Из-за периодической блокировки нашего сайта РКН сервисами, просим воспользоваться резервным адресом:
Загрузить через dTub.ru Загрузить через ClipSaver.ruУ нас вы можете посмотреть бесплатно पन्नाधाय के शौर्य और बलिदान की कहानी || Panna Dhay || मेवाड़ की कहानी सुनाते सुनाते सर भी रोने लगे 🥺 или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
Роботам не доступно скачивание файлов. Если вы считаете что это ошибочное сообщение - попробуйте зайти на сайт через браузер google chrome или mozilla firefox. Если сообщение не исчезает - напишите о проблеме в обратную связь. Спасибо.
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru
पन्नाधाय के शौर्य और बलिदान की कहानी || Panna Dhay || मेवाड़ की कहानी सुनाते सुनाते सर भी रोने लगे 🥺 चित्तौड़गढ़ के इतिहास में जहाँ पद्मिनी के जौहर की अमरगाथाएं, मीरा के भक्तिपूर्ण गीत गूंजते हैं वहीं पन्नाधाय जैसी मामूली स्त्री की स्वामीभक्ति की कहानी भी अपना अलग स्थान रखती है। बात तब की है, जब चित्तौड़गढ़ का किला आन्तरिक विरोध व षड्यंत्रों में जल रहा था। मेवाड़ का भावी राणा उदय सिंह किशोर हो रहा था। तभी उदयसिंह के पिता के चचेरे भाई बनवीर ने एक षड्यन्त्र रच कर उदयसिंह के पिता की हत्या महल में ही करवा दी तथा उदयसिंह को मारने का अवसर ढूंढने लगा। उदयसिंह की माता को संशय हुआ तथा उन्होंने उदय सिंह को अपनी खास दासी व उदय सिंह की धाय पन्ना को सौंप कर कहा कि, "पन्ना अब यह राजमहल व चित्तौड़ का किला इस लायक नहीं रहा कि मेरे पुत्र तथा मेवाड़ के भावी राणा की रक्षा कर सके, तू इसे अपने साथ ले जा, और किसी तरह कुम्भलगढ़ भिजवा दे।" पन्ना धाय राणा साँगा के पुत्र राणा उदयसिंह की धाय माँ थीं। पन्ना धाय किसी राजपरिवार की सदस्य नहीं थीं। अपना सर्वस्व स्वामी को अर्पण करने वाली वीरांगना पन्ना धाय का जन्म कमेरी गावँ में हुआ था। राणा साँगा के पुत्र उदयसिंह को माँ के स्थान पर दूध पिलाने के कारण पन्ना 'धाय माँ' कहलाई थी। पन्ना का पुत्र चन्दन और राजकुमार उदयसिंह साथ-साथ बड़े हुए थे। उदयसिंह को पन्ना ने अपने पुत्र के समान पाला था। पन्नाधाय ने उदयसिंह की माँ रानी कर्मावती के सामूहिक आत्म बलिदान द्वारा स्वर्गारोहण पर बालक की परवरिश करने का दायित्व संभाला था। पन्ना ने पूरी लगन से बालक की परवरिश और सुरक्षा की। पन्ना चित्तौड़ के कुम्भा महल में रहती थी। #PannaDhay #chittaurgarh #RanaUday Singh pannadhai #pannadhaykikahani #पन्नाधायकविता #Rajputkahani #pannadhaysong #पन्नाधायकाइतिहास #Panndhaykavita #Pannadhaikikavita #pannadhaykiragni #indianhistory #indianhistorypicture #rajputan_culture #rajputana_attitude #rajasthan #jodhpur #Panndhaikiveergatha #Pannadhaykiamargatha #Pannadhaykifilm #Pannadhaykageet #Pannadhaistory #udaysingh #maharanapratap #rajputhistory #mewarhistory #rajputkahani #Rajputmovie #rajasthantourism #rajasthanikahani #swatiisinha #pratibimbhkavita #rajputikahani #bstcpreparation #artswallahclasses #shobbusir