Из-за периодической блокировки нашего сайта РКН сервисами, просим воспользоваться резервным адресом:
Загрузить через dTub.ru Загрузить через ClipSaver.ruУ нас вы можете посмотреть бесплатно रानी रासमणि-आचार्य चतुरसेन शास्त्री Rani Rasmani|Acharya Chatursen Shastri или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
Роботам не доступно скачивание файлов. Если вы считаете что это ошибочное сообщение - попробуйте зайти на сайт через браузер google chrome или mozilla firefox. Если сообщение не исчезает - напишите о проблеме в обратную связь. Спасибо.
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru
रानी रासमणि-आचार्य चतुरसेन शास्त्री |हिंदी कहानी| Rani Rasmani|Acharya Chatursen Shastri @kahanimanch_shilpi आचार्य चतुरसेन शास्त्री: संक्षिप्त परिचय जन्म और शिक्षा: • जन्म: 26 अगस्त 1891, चांदोख, बुलन्दशहर (उ.प्र.) • असली नाम: चतुर्भुज • शिक्षा: संस्कृत कॉलेज, जयपुर से शास्त्री व आयुर्वेदाचार्य की उपाधि व्यवसाय: • आरंभ में आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में कार्य किया • डीएवी कॉलेज, लाहौर में आयुर्वेद के प्रोफेसर रहे • बाद में साहित्य में सक्रिय होकर प्रसिद्ध लेखक बने साहित्यिक योगदान: • लेखन की शुरुआत किशोरावस्था में की • कुल प्रकाशित रचनाएँ: लगभग 186 • उपन्यास, नाटक, आत्मकथा, कहानियाँ, गद्यकाव्य, एकांकी, ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक व चिकित्सा विषयों पर रचनाएँ • मुख्यतः ऐतिहासिक उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध प्रमुख कृतियाँ: • उपन्यास: वैशाली की नगरवधू, सोमनाथ, वयं रक्षामः, गोली, सोना और खून, आलमगीर • नाटक: राजसिंह, मेघनाथ, छत्रसाल, श्रीराम, गांधारी • गद्यकाव्य: हृदय की परख, अनुताप, मां गंगी • आत्मकथा: मेरी आत्मकहानी • चिकित्सा विषयक रचनाएँ: आरोग्य शास्त्र, सुगम चिकित्सा, काम-कला के भेद विशेषताएँ: • शैली में इतिहास, राजनीति, धर्म, समाजशास्त्र का प्रभाव • आर्य समाज से गहरा जुड़ाव • साहित्य और चिकित्सा—दोनों में समान रूप से योगदान • साहित्य के माध्यम से सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव को उजागर किया मृत्यु: 2 फरवरी 1960 आचार्य चतुरसेन शास्त्री हिन्दी साहित्य के एक ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपने लेखन से न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया बल्कि समाज, संस्कृति और चिकित्सा के क्षेत्रों में भी बहुमूल्य योगदान दिया। Source:- https://hi.wikipedia.org/चतुरसेन #hindisahitya #hindisahitya #hindikathaye #hindikatha #hindistories #hindistories #hindikahaniyamoralstories #acharyachatursenshastri