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#InternationalWomensDay2022 #WomensDay2022 #महिला_दिवस प्रसूति लाभ अधिनियम: यह अधिनियम गर्भावस्था के दौरान काम करने वाली महिलाओं के हितों की रक्षा करता है. इस अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक नियोक्ता को अपनी गर्भावस्था के कार्यकाल के दौरान प्रत्येक महिला कर्मचारी को कुछ विशेष सुविधाएं प्रदान करनी होती हैं. इन विशेष लाभों में पेड मातृत्व अवकाश, घर से काम करने का मौका वह भी सामान्य वेतन लाभ के साथ और कार्यस्थल पर क्रच सुविधाएं भी शामिल हैं. यह अधिनियम महिलाओं को उनके काम और पारिवारिक जीवन को संतुलित करने के लिए अधिक फायदे देता है. कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न:- हाल के दिनों में यौन उत्पीड़न एक बड़ी समस्या है. यौन उत्पीड़न का मतलब होता है शारीरिक संपर्क और उसके आगे जाना, या यौन उत्पीड़न की मांग या अनुरोध, या यौन से संबंधित टिप्पणियां या अश्लीलता दिखाना या यौन प्रकृति के किसी अन्य अवांछित शारीरिक, मौखिक, गैर-मौखिक आचरण शामिल हैं. चाहे वह पुरुष मालिक या सहयोगी द्वारा किया जाता है, आप मामलें में पुलिस से संपर्क कर सकते हैं और शिकायत दर्ज करा सकते हैं. घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा:- यह कानून रूप से साथी द्वारा की गई हिंसा से संबंधित किसी भी महिला साथी (चाहे पत्नी या महिलाएं हो) को सुरक्षा प्रदान करता है. इसमें महिला अपने साथी या परिवार के सदस्यों के खिलाफ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी की शिकायत दर्ज करा सकती है जो उनके जीवन और शांतिपूर्ण अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहे हो. इस कानून में संशोधन के बाद विधवा महिलाओं, बहनों और तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी इस तरह के अधिकार बढ़ाए गए है. समान वेतन का अधिकार:- समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार, अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता. नाम न छापने का अधिकार:- यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को नाम न छापने देने का अधिकार है. अपनी गोपनीयता की रक्षा करने के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिला अकेले अपना बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में या फिर जिलाधिकारी के सामने दर्ज करा सकती है. मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार:- बलात्कार की शिकार हुई किसी भी महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है. स्टेशन हाउस आफिसर (SHO)के लिए ये जरूरी है कि वो विधिक सेवा प्राधिकरण (Legal Services Authority) को वकील की व्यवस्था करने के लिए सूचित करे. रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार:- एक महिला को सूरज डूबने के बाद और सूरज उगने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, किसी खास मामले में एक प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही ये संभव है. गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार:- किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तो, उसपर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जांच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम:- यह अधिनियम सभी हिंदू महिलाओं को पितृ संपत्ति पर पूर्ण नियंत्रण और शक्ति देने का अधिकार देता है. इसके अनुसार बेटियों को विवाह के बाद भी बेटों के बराबर ही संपत्ति पर अधिकार होगा. बाल विवाह अधिनियम निषेध:- यह जानना जरुरी है कि अगर एक लड़की के विवाह होने की कानूनी उम्र से पहले माता-पिता उसे शादी को मजबूर कर देते हैं वे इस कानून के तहत दंड के अधीन हैं. 00:39 प्रसूति लाभ अधिनियम 01:09 कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न 01:36 घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा 02:06 समान वेतन का अधिकार 02:16 नाम न छापने का अधिकार 02:32 मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार 02:48 रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार 02:59 गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार 03:11 हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 03:23 बाल विवाह अधिनियम निषेध Ad Partners: Dwarikesh Sugars (https://www.amazon.in/s?k=dwarikesh&r...) भारत का प्रमुख हिंदी समाचार विचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से देश और विदेशों के कोने-कोने में हिंदी पाठकों का चहेता बना हुआ है। प्रभासाक्षी.कॉम पर आपको देश-विदेश, राजनीति, बॉलीवुड, खेल जगत, महिला जगत, फैशन, पर्यटन एवं स्वास्थ्य आदि से जुड़ी हर खबर मिलेगी आपको सबसे पहले, विजिट करें - https://www.prabhasakshi.com/ Follow करें हमें ट्विटर पे - / prabhasakshi Like करें हमारा Facebook पेज - / prabhasakshi सब्सक्राइब करें हमारा YouTube चैनल - / prabhasakshinews Join this channel to get access to perks: / @prabhasakshinews