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शिव तांडव स्तोत्राम ( Shiv Tandav Stotram ) यह पाठ करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।### 9 месяцев назад


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शिव तांडव स्तोत्राम ( Shiv Tandav Stotram ) यह पाठ करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।###

Watch — शिव तांडव स्तोत्र: || इस स्तोत्र में रावण ने 17 श्लोंको से भगवान शिव की स्तुति गाई है। जब एक बार अहंकारवश रावण नें कैलाश को उठाने का प्रयत्न किया तो भगवान शिव ने अपने अंगूठे से पर्वत को दबाकर स्थिर कर दिया। जिससे रावण का हाथ पर्वत के नीचे दब गया। तब पीड़ा में रावण ने भगवान शिव की स्तुति की। रावण द्वारा गाई गई, यही स्तुति शिव तांडव स्तोत्र के नाम से जानी जाती है। शिव तांडव स्तोत्र के फायदे और पाठ करने की विधि... — जो मनुष्य शिवतांडव स्तोत्र द्वारा भगवान शिव की स्तुति करता है, उससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। नियमित रूप से शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कभी भी धन-सम्पति की कमी नहीं होती है। — शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से साधक को साथ ही उत्कृष्ट व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है। — यह पाठ करने से व्यक्ति का चेहरा तेजमय होता है, आत्मबल मजबूत होता है। — शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से मन की कामना पूर्ण हो जाती है। — माना जाता है कि प्रतिदिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से वाणी की सिद्धि भी प्राप्त की जा सकती है। — भगवान शिव नृत्य, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान, समाधी आदि सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं, इसलिए शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से इन सभी विषयों में सफलता प्राप्त होती है। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से शनि दोष को कुप्रभावों से भी छुटकारा मिलता है। ———————————————- — भगवान शिव नृत्य, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान, समाधी आदि सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं, इसलिए शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से इन सभी विषयों में सफलता प्राप्त होती है। — शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से शनि दोष को कुप्रभावों से भी छुटकारा मिलता है। — जिन लोगों की कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष लगा हुआ हो। उन्हें भी शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। जिन लोगों की कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष लगा हुआ हो। उन्हें भी शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। शिव तांडव स्तोत्र की विधि- —————————————— — शिव तांडव स्तोत्र का पाठ प्रातः काल या प्रदोष काल करना चाहिए। सबसे पहले स्नानादि करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें। —- शिव जी को प्रणाम करें और धूप, दीप और नैवेद्य से उनका पूजन करें। — रावण ने पीड़ा के कारण इस स्तोत्र को बहुत तेज स्वर में गाया था। इसलिए गाकर शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। — नृत्य के साथ इसका पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है। परंतु तांडव नृत्य केवल पुरूषों को ही करना चाहिए। —- पाठ पूर्ण हो जाने के पश्चात भगवान शिव का ध्यान करें। —- यह पाठ बहुत ऊर्जावान और शक्तिशाली माना गया है। परंतु यह पाठ करते समय किसी के प्रति अपने मन में दुर्भावना न रखें। ————————————- If you like 👍 video than press 👍 share and subscribe to my YouTube Channel — #gyaanaurbhakti Thanks 🙏 for watching #bageshwardhambalaji #song #gyanbhakti #hinduprayer #gyaanaurbhakti #aastakadeepak #tseries #tseriesbhaktisagar #tseriesmusic #gyaanaurbhakti #love #hindumantra #gyanbhaktibhajan #tseries #hindumantra #music #bhajan #bhaktigyansagar #bhajansong #shivmantra #shivmahamantra #shivamantra #shivpuran #shivkatha #shivkishakti #shivkathainhindi #shivkirtan #shivkakahani #shreehanumanchalisha #shivmahamantra #shrihanumanchalisa #shivstotram #shivtandav #shivstuti #shivcharchakatha #shivaarti #shivajimaharaj #shivaartiandganeshaarti

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